”यात्रीगण कृपया ध्यान दें..”, जानिये हर रेलवे स्टेशन पर गूंजने वाली इस आवाज का चेहरा
हिन्दुस्तान के अंदर दैनिक यात्रा के समय सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने बाला साधन भारतीय रेलवे है। भारतीय रेलवे दिन में अपनी सुबिधा से दिन भर में पूरे हिन्दुस्तान में लाखो यात्रियों को उनके गंतत्व स्थान तलक सुबिधा जानका पहुंचाने का कार्य करता है। लेकिन आपने कभी ध्यान दिया एक बात पर की जब हम रेलवे की सुबिधा लेने के लिए भारतीय रेलवे के स्टेशन पर जाते है। तो हमे हमारी गाड़ी या फिर किसी तरह की सूचना देने के लिए एक आबाज सुनाई देती है। ”यात्रीगण कृपया ध्यान दे ” क्या आपने सोचा की यह आबाज किसकी है। और कौन हमे इस तरह से सूचना देता है। और तो और आप किसी भी स्टेशन पर चले जाए आपको एक ही अबाज में बह साउंड सुनाई देगा। तो चलिए आज हम आपको भारतीय रेलवे की उस आबाज से आज मिलवा देते है। जो हमे समय समय पर साबधान करती रहती है।
स्टेशन पर सूनी जाने बाली आबाज ”यात्रीगण कृपया ध्यान दे ” ये आबाज है देश की जानी-मानी अनाउंस करने बाली सरला चौधरी की। आपको ये बात जानकार हैरानी होगी की सरला चौधरी लगभग बीस साल से भारतीय रेलवे को अपनी सुभिधाये प्रदान कर रही है। बह लगातार बीस सालो से अलग अलग स्टेशन में अपनी अबाज से लोगो को साबधान करती आ रही है।

आपको बता दे बैसे तो समय समय पर भारतीय रेलवे के अंदर रिक्त पदों के लिए नौकरिया निकलती रहती है मगर सन 1982 में खाली हुए भारतीय रेलवे में रेलवे अन्नोउंस पद के लिए सरला चौधरी ने अपना टेस्ट दिया था। इसके बाद उनकी आबाज का टेस्ट हुआ अधिकारियो ने गहनता के साथ उनकी अबाज को सूना और उन्हें उस बक्त भारतीय रेलवे के अंदर दैनिक मजदूरी पर रख लिए गया। मतलब उन्हें एक दिन अन्नोउंस करने के उसी दिन पैसे मिल जाते थे। पहले समय जब रिकॉर्डिंग नहीं हुआ करती थी तब अन्नोउंस करना सरला चौधरी के लिए कुछ ज्यादा ही मुश्किल था। उन्हें लगभग पास के हर स्टेशन पर बार बार अन्नोउंस करने के लिए जाना पड़ता था। और बह भी उस छेत्र की भाषा में जिससे लोग उनकी भाषा को सही तरीके से समझ सके।

लेकिन आज भी हर अनाउंसमेंट से पहले सुनाई देने बाली ”यात्रीगण कृपया ध्यान दे ” ये आबाज सरला चौधरी की ही प्रयोग की जाती है। सरला चौधरी ने बताया की रिकॉर्डिंग की बेहतर सुबिधा होने के बाद उनकी आबाज को एक बार में रिकॉर्ड कर लिया गया रेलवे के द्वारा और उसी अबाज को रेलवे ने कण्ट्रोल रूम में सेव भी कर लिया। जिसके बाद अब सरला चौधरी के बिना किसी स्टेशन पर जाए उनकी अबाज के द्वारा यात्रियों को भारतीय रेलवे साबधान करता रहता है।

सरला चौधरी से जब इस मामले पर बातचीत की गई तब उन्होंने बताया की अब उन्होंने स्टेशन पर अन्नोउंस करने का काम किसी निजी कारण बस छोड़ना पड़ा है। तो अब भारतीय रेलवे ने उनके कार्य को देखते हुए भरतीय रेलवे के अंदर ोहे डिपार्टमेंट मैं कार्यालय अधीछक के तौर पर सेबा करने का अबसर दे दिया है। सरला चौधरी का कहना है की उन्हें उस काम से बहुत खुशी मिलती है। कि आज भी लोग उन्हें देखे बिना उनकी अबाज सुन कर उनकी तारीफ़ करते है। और जब कभी भी बह खुद किसी स्टेशन पर जाती है और उनकी ही अबाज में अगर कोई अनाउंसमेंट हो जाती है।LY उन्हें खुद की आबाज से लोगो को साबधान होते देख अलग ही खुशी मिलती है।