लखनऊ । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि जनता भाजपा से नाराज है। प्रदेश में भाजपा को केवल एक सीट मिलेगी। सपा कार्यालय में अखिलेश यादव ने कहा कि गन्ना किसान अपना भुगतान चाहता है लेकिन उसे नहीं दिया जा रहा है, जबकि भाजपा 14 दिन में गन्ना का भुगतान करने के लिए कह रही थी।
किसानों को केवल सपने दिखाए गये। किसान आज खुशहाल नहीं है। प्रदेश की कानून व्यवस्था भी चौपट है। आए दिन महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ते जा रहे हैं। हमें विश्वास है जनता गठबंधन को ही वोट देगी।
अखिलेश ने कहा कि आजम खां को भाजपा सरकार परेशान कर रही है। आजम खां की राइफल, पिस्टल और बंदूक के लाइसेंस निलंबित किये जाने पर अखिलेश ने कहा कि आजम खां के शस्त्रों का लाइसेंस रद्द हुआ है तो मुख्यमंत्री का भी लाइसेंस रद्द होना चाहिए। आज देश नाजुक दौर से गुजर रहा है। देश और प्रदेश में भाजपा और आरएसएस नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।
चुनाव के समय देश में अशान्ति का वातावरण बनाकर पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों, गरीब, मजदूर और किसानों पर अत्याचार किये जा रहे हैं। भाजपा जाति धर्म के नाम पर लोगों को बहकाकर अपनी नाकामी छिपाने का काम कर रही है।
इस बीच बताते चले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पिता और पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने ऐसा वीटो पॉवर लगाया है, जिससे पूर्वांचल की जौनपुर व बलिया सीट पर पेच फंसा गया है. अखिलेश और मायावती, दोनों की उलझने बढ़ गई है. इसी के चलते गठबंधन जौनपुर और बलिया सीट पर उम्मीदवारे को फैसला नहीं ले पा रहा है.
सपा-बसपा गठबंधन में जौनपुर सीट बसपा और बलिया सीट सपा के खाते में गई है
ऐसे में बसपा ने जौनपुर से उम्मीदवारी को लेकर अभी फैसला नहीं किया है. जबकि, सपा बलिया से पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही थी. भाजपा ने मौजूदा सांसद भरत सिंह का टिकट काट दिया है. अब भरत सिंह ने बगावती रुख अख्तियार किया है. ऐसे में सपा इस सीट पर जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है.
सूत्रों की माने तो
सपा-बसपा गठबंधन से नाखुश मुलायम सिंह ने जौनपुर सीट पर अपने करीबी और पूर्व सांसद पारसनाथ यादव को चुनाव लड़ाना चाहते हैं. ऐसे में उन्होंने अपना वीटो पावर लगाते हुए पारसनाथ यादव को उम्मीदवार बनाने के लिए उनके नाम को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास बढ़ा दिया है. इससे अखिलेश उलझन में पड़ गए हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव के लिए जसवंतनगर और पारसनाथ यादव के लिए जौनपुर की मल्हानी सीट पर वोट मांगने गए थे.
अखिलेश पहले ही संभल लोकसभा सीट पर मुलायम सिंह के द्वारा बढ़ाए गए अपर्णा यादव के नाम को दरकिनार करते हुए शफीकुर्रहमान बर्क को उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं. इसी का नतीजा था कि मुलायम सिंह ने खुले तौर पर बसपा के साथ गठबंधन करने के फैसले की अलोचना की थी. वहीं, अब अगर जौनपुर सीट पर भी अगर मुलायम के सुझाए गए नाम को नजरअंदाज करते हैं तो उनकी नाराजगी बढ़ सकती है.
हालांकि, जौनपुर सीट बसपा के खाते में है. ऐसे में अखिलेश ने बसपा अध्यक्ष मायावती से जौनपुर सीट सपा के लिए छोड़ने का अनुरोध किया. सूत्रों के मुताबिक इस पर मायावती ने साफ कहा कि जौनपुर सीट को एक ही सूरत में छोड़ी सकती है कि सपा उसके बदले बलिया सीट दे. जबकि, अखिलेश बलिया सीट नहीं छोड़ना चाहते. वो इसके बदले दूसरी अन्य सीट देना चाह रहे हैं, लेकिन बसपा अध्यक्ष इस पर राजी नहीं हैं. इसी के चलते अभी तक इन दोनों सीटों पर दोनों पार्टियां अपने उम्मीदवारो को लेकर कोई फैसला नहीं ले पा रही हैं.