पुलवामा में आतंकी हमले से पूरे देश लोगों में गुस्से की लहर है। लोगों ने पाकिस्तान का पुतला फूंककर अपना गुस्सा जाहिर किया और केंद्र सरकार से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने की मांग की। कई राजनीतिक दलों ने अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों के लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
इस बीच आपको बताते चले कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 37 जवान शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि इस खूनी खेल को अंजाम देने वाला पुलवामा का ही आदिल अहमद डार था। अफगानिस्तान से अपनी फौज वापस बुलाने की अमेरिका की घोषणा को तालिबान ने अपनी जीत के रूप में दुनिया के सामने पेश किया और इस बात ने डार को आत्मघाती हमलावर बनने के लिए प्रेरित किया। डार एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।
पुलवामा हमले के कुछ मिनट बाद ही मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर एक युवक की तस्वीर और दो वीडियो सर्कुलेट होने लगे। इन दोनों वीडियो में इस युवक ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इनमें से एक वीडियो कश्मीरी और दूसरा उर्दू में था। इस वीडियो में आदिल के ‘शहादत’ का संदेश था। ऐसा लगता है कि ये दोनों वीडियो हमले से पहले जैश-ए-मोहम्मद ने रिकॉर्ड किए थे।
इस वीडियो में खुद को जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी होने का दावा करने वाले युवक ने खुद की पहचान पुलवामा के काकापोरा इलाके के गांदीबाघ के आदिल अहमद डार उर्फ वकास कमांडर के रूप में की। पुलिस सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि सीआरपीएफ की बस से विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो टकराने वाला संदिग्ध आत्मघाती हमलावर आदिल ही था।
पुलिस के सूत्रों ने इस बात की भी पुष्टि की है
आदिल एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ। अपने इस वीडियो में आदिल ने कहा है कि यह उसका अंतिम संदेश है। उसने अपने दोस्तों को दहशतगर्दी के रास्ते पर चलने का भी आह्वान किया है।
पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। जम्मू में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लग गई है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह श्रीनगर का दौरा कर वहां का जायजा लेंगे। दिल्ली में शुक्रवार को सुरक्षा पर कैबिनेट की बैठक भी होने वाली है।