इलाज कराने के बावजूद दूर नहीं होती स्किन प्रॉब्लम
नई दिल्ली। अगर तकिए के कवर को नियमित रूप से बदला न जाए तो इसमें बीमारियों का घर बस जाता है। तकिए के कवर से स्किन से संबंधित कई बीमारियों हो सकती हैं। इससे स्किन मुरझाने लगती है। इसके लिए लोग इलाज भी कराते हैं। लेकिन कई बार इलाज कराने के बावजूद स्किन प्रॉब्लम दूर नहीं हो पाता है। इसकी वजह तकिए का खोल हो सकता है।
तकिए के खोल में छुपी बीमारियों के बारे में कॉस्मेटोलॉजिस्ट और स्किनकेयर स्पेशलिस्ट सलाह दी है कि हर सप्ताह तकिए का खोल बदलना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा है कि यदि आप तकिए के कवर को हर सप्ताह नहीं बदलते हैं तो स्किन से संबंधित बीमारियां छुटे नहीं छुटेगी। इस स्थिति में यदि आप इलाज भी कराएंगे तो यह स्किन प्रोब्लम दूर नहीं होगा। इसके बाद दवा भी काम नहीं करेगी।डॉ गीतिका ने बताया कि हर सप्ताह तकिए के कवर को बदलते की सलाह दी है। उन्होंने इसके लिए 6 कारण गिनाए हैं कि इन वजहों से हर सप्ताह तकिए के कवर को बदलना जरूरी है।
तकिए के कवर में हर दिन धूलकण पालतू जानवरों के बाल तेल डेड स्किन हानिकारक बैक्टीरिया और कई तरह की गंदगी चिपक जाती है। बैक्टीरिया की वजह से चेहरे पर पिंपल्स दाग-धब्बे बन जाते हैं। इसलिए हर सप्ताह पिलोकेस या तकिए के कवर को बदलना चाहिए। वरना ये सारी चीजें सबसे पहले चेहरे की स्किन को तबाह कर देंगी। फिर आप कितनी भी दवाई लें सही नहीं होगी। इसके साथ ही तकिए को छह महीने में एक बार जरूर साफ करना चाहिए या ड्राई क्लीन कराना चाहिए। एक स्टडी में पाया गया कि स्किन की हेल्थ के लिए तकिए में कॉटन कवर से अच्चा सिल्क कवर होता है।
सिल्क कवर के इस्तेमाल से चेहरे पर पिंपल्स होने का खतरा कम होता है। यदि आप अपनी स्किन को हेल्दी रखना चाहते हैं तो बिस्तर की इन चीजों को भी नियमित रूप से बदलनी चाहिए। इनमें शामिल हैं-पिलो केस यानी तकिए का खोल बेडशीट मेकअप ब्रश ब्यूटी ब्लैंडर्स और तौलिए। हेल्थलाइन की एक खबर में कहा गया है कि तकिए का खोल यदि सिल्क का हो तो इससे बैक्टीरिया लगने के चांसेज कम होते हैं और इससे पिंपल्स भी नहीं होते।