नई दिल्ली: मौजूदा वक्त में बिहार की सियासी पारा अपने चरम पर है. सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं. इससे पहले अमित शाह ने अपने बिहार दौरे के दौरान दो बार नीतीश से मुलाकात की थी. सीटों को लेकर बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच ‘बड़े भाई’ और ‘छोटे भाई’ का विवाद भी देखने को मिला. लेकिन बिहार में एनडीए के चार घटक दल हैं. बीजेपी और जेडीयू के अलावा रामविलास पासवान की एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी भी है.
जहां एक तरफ बिहार में एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर कवायद जारी है तो दूसरी तरफ विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमले कर रही है. बिहार में बढ़ती क्राइम की घटनाओं ने नीतीश सरकार की छवि धूमिल की है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव विपक्ष की तरफ से मोर्चा संभाले हुए हैं. इस बीच एबीपी न्यूज़ और सी-वोटर ने सर्वे कर बिहार की जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की है. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटे हैं.
अगर LJP और RLSP यूपीए में गई तो?
कुल सीट- 40
एनडीए- 22
यूपीए- 18
अगर मौजूदा एनडीए बना रहा तो ?
कुल सीट- 40
एनडीए- 31
यूपीए- 9
साल 2014 में बिहार में जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं थी. तब बीजेपी ने 22, एलजेपी ने छह और आरएलएसपी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. उस दौरान जेडीयू सिर्फ दो सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. अब जेडीयू की एनडीए में वापसी हो चुकी है.
दूसरी बात ये भी है कि तेजस्वी यादव, आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता दे चुके हैं. हालांकि खुद कुशवाहा ने इसको सिरे से खारिज कर चुके हैं. लेकिन हाल ही में आरएलएसपी के सीनियर नेता नागमणि सीट बंटवारे को लेकर नाराज दिखे और यहां तक कह दिया कि उनकी पार्टी को महागठबंधन में जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इतना ही नहीं आरएलएसपी ने यहां तक कह दिया की पार्टी बीजेपी की गुलाम नहीं है. आने वाले वक्त में क्या होता है, ये देखना दिलचस्प होगा.
कैसे हुआ सर्वे?
ये सर्वे अगस्त के आखिरी हफ्ते से लेकर सितंबर के आखिर हफ्ते तक किया गया है. ये सर्वे देश भर में सभी 543 लोकसभा सीटों पर किया गया है और 32 हजार 547 लोगों की राय ली गई है.