लिंग परिवर्तन कर बनीं अप्सरा, मिला कांग्रेस महासचिव का पद
चेन्नई की किन्नर अप्सरा रेड्डी अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव नियुक्त की गयी हैं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अप्सरा को लोकसभा सांसद एवं पार्टी की महिला इकाई की अध्यक्ष सुष्मिता देव की मौजूदगी में पार्टी महासचिव नियुक्त किया। पार्टी ने पहली बार किसी किन्नर को पार्टी का पदाधिकारी बनाया है। इस मौके पर अप्सरा ने कहा, ‘मैं एक ऐसी पृष्ठभूमि से आती हूं, जहां मुझे कई पूर्वाग्रहों और अन्याय के बारे में पता चला था। पाखंड और भेदभाव ने मुझे अन्याय के खिलाफ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
भारत को ऐसी ताकतों द्वारा शासित किया जा रहा है जो महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की तुलना में धार्मिक पहचान पर अधिक महत्व रखती हैं।
कांग्रेस वास्तव में एक ऐसी पार्टी है जिसने भारत का निर्माण किया और हमारी पीढ़ियों के लिए अच्छी नीति और शासन में एक संवेदनशील तथा समावेशी दृष्टिकोण को कायम रखा। राहुल गांधी जी की महिलाओं के निष्पक्ष प्रतिनिधित्व, महिला-केंद्रित घोषणापत्र लक्ष्यों और गतिशीलता के प्रति प्रतिबद्धता वास्तव में प्रेरणादायक है और मुझे उनके नेतृत्व में देशभर में महिलाओं की सेवा करने में खुशी होगी।”
अप्सरा रेड्डी के लड़के से लड़की बनने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। आइए जानते हैं कि आखिर कहां उन्होंने अपना जेंडर बदलवाया। अप्सरा रेड्डी का असली नाम अजय रेड्डी है, उनका जन्म आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में हुआ था। उन्होंने थाईलैंड के येन ही अस्पताल से लिंग परिवर्तन कराया है। ऑपरेशन के बाद तीन महीनों तक उनकी देखरेख की गई। सर्जरी के लिए 8 महीनों तक अप्सरा को बैंकॉक में ही रहना पड़ा। उनका ऑपरेशन डॉक्टर सोमभून थामरुन्गरांग ने किया था।

अप्सरा ने जेंडर बदलवाने का फैसला स्कूल, कॉलेज से लेकर ऑफिस तक में होने वाले भेदभाव के बाद लिया। पूर्व में वो पत्रकार भी रह चुकी हैं और उन्होंने अमिताभ बच्चन, माइकल शूमाकर, निकोलसस केज और ऐश्वर्या राय का इंटरव्यू भी लिया है। उन्होंने मई 2016 में जयललिता की पार्टी AIADMK से जुड़कर राजनीति में कदम रखा था, जिसके बाद वो भाजपा में चली गईं और अब उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली है। अप्सरा एक तमिल शो भी होस्ट कर चुकी हैं।

आठ घंटे से भी ज्यादा देर तक चली सर्जरी के बाद उनका लिंग परिवर्तन हो सका। होश में आने के बाद उन्हें काफी दर्द भी झेलना पड़ा, लेकिन वो इससे काफी खुश हुईं। अप्सरा के फैसले से उनके पिता बेहद नाराज थे, लेकिन उनकी मां ने उनका पूरा साथ दिया। सर्जरी के 4 दिनों बाद तक उन्हें अस्पताल में ही रहना पड़ा और इसके बाद अप्सरा को डिस्चार्ज कर दिया गया। अप्सरा बताती हैं कि हार्मोन थैरेपी के बीच उन्हें अक्सर खुदकुशी के विचार आते थे।