जन्मदिन पर माया ने साधा निशाना, कहा- भाजपा ही नहीं देश को लूटने में कांग्रेस का भी हाथ…
लखनऊ। बसपा की राष्टï्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने अपने ६३वें सालगिरह के मौके पर अपनी पार्टी के साथ ही सपा कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में जीत का तोहफा मांगा है। अपने सालगिरह के मौके पर पार्टी मु यालय में बुलायी गयी प्रेसकांफ्रेस में उन्होंने कहा कि इस बार का उनका जन्मदिन इसलिए भी खास है कि इस साल देश में लोकसभा के आम चुनाव होने वाले है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र सपा-बसपा कार्यकर्ताओं को गिलेशिकवे भुलाकर चुनाव की तैयारियों में जुटना चाहिए। अपनी प्रेसकांफ्रेस के दौरान आज उन्होंने भाजपा के बजाय कांग्रेस पर ज्यादा निशाना साधा। दो माह पहले मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बनी कांग्रेस सरकारों को विफल बताते हुए कहा कि चुनाव के दौरान कांग्रेस ने घोषणापत्र में वादे किए थे उन्हे पूरा करने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
कर्जमाफी पर माया ने कांग्रेस को घेरा
किसानों के कर्जमाफी पर कहा, ‘कांग्रेस सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। उन्होंने सरकार बनने के बाद किसानों के सिर्फ दो लाख रुपये के कर्ज ही माफ किए जाने की घोषणा हुई है। किसान बैंक से अधिक साहूकार से कर्ज लेते हैं इसलिए सरकार को बैंक के साथ-साथ इन प्रकार के कर्ज को माफ करने के लिए विचार करना चाहिए नहीं तो किसान का कर्ज कभी माफ नहीं हो पाएगा और किसान हमेशा पिछड़ा और दबा रहेगा। इस देश में 70 फीसदी व्यक्ति किसान है।’
मायावती ने यह भी कहा कि किसानों की समस्या की निपटारे के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करना चाहिए। मायावती ने कहा, ‘आज देश में पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, दलित और मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा पीड़ित है। इन सभी लोगों का हित इन पार्टी (कांग्रेस-बीएसपी) की सरकारों में न पहले सुनिश्तित रहा है और न आगे रहने वाला है।’
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. लेकिन ये सीटें कौन सी होंगी, यह अभी तय नहीं हैं. माना जा रहा है कि मायावती जन्मदिन के मौके पर इस बात का ऐलान कर सकती हैं कि उनकी पार्टी किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं.
गौरतलब है कि बसपा ने कई राज्यों के क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में मायावती के जन्मदिन समारोह में बसपा के सहयोगी दलों- इंडियन नेशनल लोकदल, सपा, आरजेडी, टीएमसी, छत्तीसगढ़ कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों को न्योता दिया गया है.
हालांकि, सपा-बसपा ने सूबे में कांग्रेस को अपने गठबंधन से अलग रखा है. सपा-बसपा दोनों पार्टियों ने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसके अलावा 2 सीटें छोटे सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई है. इसके अलावा अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ सपा-बसपा गठबंधन अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया गया है.