चंडीगढ़ : अमृतसर में दशहरा के मौके पर रावण दहन के कार्यक्रम के दौरान हुए रेल हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। रेलवे ने विस्तार से बताया है कि ट्रेन के ड्राइवर ने हादसे को रोकने के लिए क्या कोशिश की और इसके बावजूद हादसा क्यों नहीं रोका जा सका। हालांकि हादसे के एक दिन बाद अब घटना की जिम्मेदारी भी एक दूसरे डालने का काम शुरू हो गया है। कार्यक्रम की चीफ गेस्ट नवजोत कौर का कहना है कि रेलवे को ट्रेनों के लिए निर्देश जारी करने चाहिए थे, जबकि रेलवे का कहना है कि कार्यक्रम की सूचना उन्हें दी ही नहीं गई थी।
It's in our India still Ur busy.
want show what happened at #AmritsarTrainAccident hear clip ..At least a Tweet RIP ??? pic.twitter.com/HYYbrWnIzx
— iVITTU (@GadeVittal) October 19, 2018
Horrific #AmritsarTrainAccident – Over 50 dead, 100s injured in India as speeding train plows into a huge crowd sitting on the railway track watching the culmination of the Dusshera festival. pic.twitter.com/k0mkaDbxKz
— Tarek Fatah (@TarekFatah) October 19, 2018
लोहानी ने बताया है कि ड्राइवर ने हॉर्न भी बजाया होगा। माना जा रहा है कि पटाखों और जश्न के शोर में आवाज सुनाई नहीं दी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि लेवल क्रॉसिंग वहां से काफी दूर थी। ऐसे में वहां बैठे अधिकारी चाहते भी तो कुछ नहीं कर पाते। हालांकि, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया है कि ट्रेन ने हॉर्न बजाया ही नहीं था। इस बारे में उत्तर रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी ने बताया है कि रावण का पुतला गेट्स से 70-80 मीटर की दूरी पर जलाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि जब पुतला जलकर गिरा तो लोग ट्रैक की तरफ भागे।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि पुतला दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर एकत्र होना ‘स्पष्ट रूप से अतिक्रमण का मामला’ था। इस कार्यक्रम (रावण दहन) के लिए रेलवे ने कोई मंजूरी नहीं दी थी। ट्रैक पर इतनी भीड़ होने के बावजूद ट्रेन ड्राइवर द्वारा गाड़ी नहीं रोके जाने को लेकर सवाल उठने पर एक अधिकारी ने कहा, ‘वहां काफी धुआं था जिसकी वजह से चालक कुछ भी देखने में असमर्थ था और गाड़ी घुमाव पर भी थी।’
सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
बता दें कि हादसे में अब तक 61 लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासन ने की है। यह हादसा अमृतसर और मनावला के बीच फाटक नंबर 27 के पास हुआ है। यह हादसा जिस वक्त हुआ, उस समय वहां रावण दहन देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। इसी दौरान डीएमयू ट्रेन नंबर 74943 वहां से गुजर रही थी। घटना के बाद पंजाब सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है।