उत्तर प्रदेशराजनीति
अखिलेश ने मायावती से गठबन्धन पर बोली बड़ी बात, मगर कांग्रेस पर साधी चुप्पी

लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साफतौर पर कहा है कि लोकसभा चुनाव में उनका बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबन्धन होगा।
श्री यादव ने बृहस्पतिवार को हिन्दुस्थान समाचार से एक विशेष भेंट में कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी बसपा के साथ गठबन्धन करके चुनाव लड़ेगी, हालांकि उन्होंने सीटों के बंटवारे या गठबन्धन में कांग्रेस की स्थिति पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि थोड़ा इन्तजार कीजिये। कुछ दिन में सब कुछ साफ हो जायेगा। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं।
अखिलेश ने कहा कि सपा का मकसद भाजपा को हराना है। साम्प्रदायिक शक्तियों को सत्ता से बेदखल करना है। भाजपा धर्म और जाति की राजनीति कर समाज में खाईं पैदा कर रही है। भाईचारे को नुकसान पहुंचा रही है। समाज और देश के हित में भाजपा को परास्त करना जरूरी है।
वहीं सपा से बगावत कर अलग पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि चुनाव भाजपा सिर्फ अकेले ही नहीं लड़ेगी बल्कि उसकी ए,बी,सी,डी टीम भी लड़ेगी। इसके आगे उन्होंने अपने चाचा और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल के बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि चीन समुद्र में 55 किलोमीटर का हाई-वे बना रहा है,इससे उलट भाजपा इस तरह का रचनात्मक काम करने के बजाय धर्म और जाति की राजनीति कर इससे गहरी खाईं पैदा कर रही है।
योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर सपा अध्यक्ष ने कहा कि विकास ही नहीं भाजपा सरकार कानून व्यवस्था के मामले में भी फिसड्डी साबित हो रही है। सोनभद्र में आज ही नगर पंचायत अध्यक्ष की हत्या कर दी गई। लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड से तो पूरा प्रदेश ही हिल गया था। विकास कर ही नहीं पा रहे हैं, इसलिये धार्मिक मुद्दों को हवा देने की कोशिश की जा रही है।
अयोध्या के विवादित धर्मस्थल पर कुछ बोलने से बचते हुये सपा अध्यक्ष ने सिर्फ इतना कहा कि लोगों को सोचना चाहिये कि चुनाव आते ही इस तरह के मुद्दों को क्यों हवा देने की कोशिश की जाती है। उनका कहना था कि सड़क,शिक्षा,स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसे बुनियादी समस्याओं से ध्यान हटाने के लिये चुनाव के ऐन वक्त पर इस तरह के मुद्दों को हवा देने की कोशिश की जाती है,लेकिन जनता अब भाजपा के झांसे में नहीं आने वाली। चुनाव में जनता इन्हें सबक सिखायेगी।
उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में विकास के नये आयाम स्थापित हुये। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और मेट्रो के साथ ही आम लोगों के लिये बहुत काम किये गये। भाजपा सरकार तो केवल नाम ही बदल रही है। उसे विकास से कोई लेना देना नहीं है। आम लोगों के बीच खुशहाली लाने की भाजपा की कोई योजना ही नहीं है। भाजपा तो अंग्रेजों की तरह ‘डिवाइड एंड रुल’ पालिसी पर चलते हुए समाज में खाई पैदा करने में लगी हुई है।
उन्होंने कहा, “ मैं तो अक्सर कहता हूं कि भाजपा वाले पुड़िया लेकर चलते हैं। चुनाव के समय वही पुड़िया जनता को खिला देते हैं और गुमराह कर वोट ले लेते हैं। इनसे सावधान रहना है क्योंकि वे समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। ”
सपा अध्यक्ष ने देश-प्रदेश की राजनीति, गठबंधन,के साथ ही अपनी और अपने बच्चों की निजी जिन्दगी के बारे में खुलकर बात की।
यादव ने कहा कि वह अपने बच्चों को भविष्य के निर्णय खुद लेने के लिये प्रेरित करेंगे। दो बेटियों और एक बेटे के पिता पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा “ मेरे तीनो बच्चे जिस क्षेत्र में भी जाना चाहें, स्वतंत्र हैं। राजनीति में आना चाहेंगे तो स्वागत है। उन्हें इस बात की स्वतंत्रता होगी कि वह अपना कैरियर किस क्षेत्र में बनाना चाहेंगे।” पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि वह अगर राजनीति में नहीं आते तो पर्यावरण क्षेत्र में काम कर रहे होते। आस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय से पर्यावरण इंजीनियरिंग में परास्नातक श्री यादव ने कहा कि उनके राजनीति में आने का निर्णय उनके पिता (मुलायम सिंह यादव) का था। राजनीति में आने के बाद उसकी कठिनाइयों से रुबरु हुआ, लेकिन यह कटु सत्य है कि राजनीति के जरिये समाज की बेहतर सेवा की जा सकती है।
उनका कहना था कि ‘समय का बेहतर इस्तेमाल करना ही जीवन है,’ नारे को उन्होंने अपने जीवन में उतार लिया है। इसलिये वह अपने खाली समय को भी खाली नहीं मानते क्योंकि उस बीच वह बच्चों के साथ बिताते हैं, साइकिल चलाते हैं और किताबें पढ़ते हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया में जहां की जनता विकास पर फैसला लेती है, वह देश तेजी से विकसित करता है। इस सम्बन्ध में वह जापान और रुस के साथ ही द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल रहे देशों का खासतौर पर जिक्र करते हैं। उनका कहना है कि परमाणु बम का केवल एक बार प्रयोग हुआ है। जापान इससे तहस नहस हो गया था, लेकिन वहां की जनता ने विकास को प्राथमिकता दी और जापान अब कहां पहुंच गया है।