भारतीय जनता पार्टी आलाकमान के लिए पूर्वोत्तर के राज्य असम से बुरी खबर आई है. यहां की भाजपा सरकार में उसके सहयोगी दल असम गण परिषद ने धमकी दी है कि अगर सरकार नागरिक संशोधन विधेयक पारित करती है तो वो गठबंधन तोड़ लेंगे. अगप की इस धमकी से हड़कंप मच गया है.
सवाल ये उठता है कि, असम गण परिषद इस विधेयक का विरोध क्यों कर रही है? दरअसल इस विधेयक के अंतर्गत बांग्लादेश,पाकिस्तान के अल्पसंख्यक नागरिकों को भी भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. इसीलिए अगप वाले इस बिल का विरोध कर रहे हैं.
असम गण परिषद के विरोध के बाद से भाजपा सरकार भी असमंजस में फंस गई है. मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी इस मुद्दे पर बैकफुट पर हैं. हालांकि, अभी तक इस मामले में भाजपा की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है.
बता दें कि असम में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में 126 सीटों में से भाजपा ने 60 सीटें जीती थी. लेकिन उसे सरकार बनाने के लिए 64 सीटों की जरूरत थी, इसलिये भाजपा ने असम गण परिषद से गठबंधन किया था. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले अगर गठबंधन टूटता है तो भाजपा के लिए एक बार फिर मुसीबत खड़ी हो सकती है.