छत्तीसगढ़ में एक चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी परिवार को घेरने के चक्कर में बड़ी गलती कर दी. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी को दलित बता दिया.
दरअसल छत्तीसगढ़ के महासमुंद में रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि दलित सीताराम केसरी को कांग्रेस अध्यक्ष पद का अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने नहीं दिया, उन्हें सोनिया गांधी की ताजपोशी के लिए रास्ते से हटाया गया था. उन्होंने कहा कि एक परिवार की चार पीढ़ियों ने देश पर शासन किया और सत्ता में होने का फायदा उठाया, लेकिन देश को उनके शासन से फायदा नहीं हुआ.
पीएम मोदी ने भाषण में कहा, ‘मेरा सवाल है कि पांच साल के लिए इस परिवार से बाहर के एक व्यक्ति को अध्यक्ष बनाकर देख लीजिए. देश को पता है कि सीताराम केसरी दलित, पीड़ित और शोषित समाज से आए हुए व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष से कैसे हटाया गया था? कैसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था? कैसे दरवाज से निकालकर फुटपाथ पर फेंक दिया गया था? इसके बाद मैडम सोनिया जी को बैठा दिया गया था.’
लेकिन पीएम मोदी ने सीताराम केसरी को दलित बताकर गलती कर दी. क्योंकि केसरी दलित नहीं थे. बल्कि वे पिछड़े समाज वैश्य (बनिया) से थे. सीताराम केसरी बिहार के दानापुर के रहने वाले थे.
गौरतलब है कि पीएम मोदी को जवाब देते हुए पी चिदंबरम ने ट्वीट में 15 अध्यक्षों का जिक्र किया था, जो नेहरू गांधी परिवार से नहीं थे. जिसका आज पीएम मोदी ने चुनावी सभा में जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साध रहे थे.
एक दूसरे ट्वीट में अमित शाह ने सीताराम केसरी और नरसिम्हा राव का जिक्र किया. उन्होंने लिखा कि हाल के वर्षों में परिवार से बाहर के दो कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं, जिन्हें बुरी तरह से अपमानित किया गया. निधन के बाद राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस दफ्तर के अंदर नहीं आने दिया गया. दिग्गज नेता रहे सीताराम केसरी का किसके वफादार गुंडों ने अपमान किया, यह भी हम जानते हैं.
Make a person outside the Nehru-Gandhi the Congress Party President for five years and I will agree that Pandit Nehru made a 'Chaiwallah' the PM.
India has not forgotten how a stalwart like Sitaram Kesri Ji was treated by one family. pic.twitter.com/f4HC0XJii7
— Narendra Modi (@narendramodi) November 18, 2018