
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के द्वारा भारतीय सेना पर करवाया गया फिदायीन हमला काफी कायराना था और इसका जवाब भारतीय सेना जल्द ही देगी. इसी क्रम में भारतीय सेना इस पूरे हमले की तह तक जाना चाह रही है और इस हमले में शामिल सभी लोगों को जल्द से जल्द ढूंढकर सजा देने की सोच रही है. सूत्रों की माने तो खबरें सामने आ रहीं है कि सेना को शुरू से ही शक है कि किसी अपने ही आदमी ने सेना की सारी गतिविधियों की जानकारी आतंकवादियों को दी है.
आतंकवादियों को यह जानकारी पहले से थी कि जम्मू से श्रीनगर के लिए सेना का एक बड़ा काफिला रवाना होने वाला है और उसमे कितने सैनिक हैं और किस जगह पर हमला करना है. इसकी प्लानिंग की गयी थी. लेकिन सवाल यह उठता है की वह खबरी कौन है जिसने आतंकवादियों को यह सब जानकारी दी कि इस समय इस स्थान से श्रीनगर के लिए काफिला निकलने वाला है.
पुलवामा में हुए हमले में निश्चित रूप से अपने खबरी होने का शक सेना को है. सूत्रों के अनुसार मानें तो इस तरीके की खबरें सामने आ रही है कि जम्मू के लोकल सिविलियन्स ने ही आतंवादियों की मदद की है. बताया जा रहा है की लोकल्स ने ही सेना के काफिले पर नजर राखी हुई थी और पल-पल की जानकारी आतंकियों से साझा की जा रही थी. भारतीय सेना को शुरूआती जांच में इस बात का शक हुआ की हो न हो यह जम्मू के लोकल लोग ही हैं जिन्होंने आतंकियों के इस हमले में उनको समर्थन किया. अब सेना के सामने यह बड़ी चुनौती है की कैसे उन बिचौलिओं का पता लगाया जाए.
पहले तो सेना को इस बात का शक था कि लोकल लोग इसमें सम्मिलित थे लेकिन जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है इस बात की पुष्टि होती जा रही है. जल्द से जल्द भारतीय सेना और सरकार को लोकल लोगों के ऊपर लगाम लगानी होगी जो कभी सेना के ऊपर पत्थरबाजी करते हैं तो कभी आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होकर पाकिस्तान के झंडे लहराते है. यह लोग कौन है इनकी पहचान जल्द से जल्द कर लेनी चाहिए.