नागोर बस हादसा : आग और करंट के बीच कांच तोड़ पहले खुद निकला दर्शन, फिर 2 बहनों को बचाया
जालोर में शनिवार रात करंट की चपेट में आने से बस में आग लगने के भीषण हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई। जबकि 36 अन्य यात्री झुलस गए। इसमें से कुछ ऐसे भाग्यशाली लोग भी थे जो समय रहते कांच तोड़ बस से बाहर निकलने में सफल रहे। इनमें से एक चेन्नई निवासी दर्शन कोठारी। दर्शन ने संकट के दौरान हौसला नहीं खोया और सूझबूझ से काम लिया।
यही कारण रहा कि 21 साल का दर्शन न केवल खुद की जान बचाने में सफल रहा बल्कि अपनी दो बहनों को भी जलती बस से सकुशल बाहर निकाल लाया। दर्शन इस हादसे में घायल अपने परिजनों का इलाज कराने जोधपुर पहुंचा है।
पढ़िए हादसे और हौसले की पूरी कहानी दर्शन की जुबानी-
हम सभी बस में बैठे थे। कोई झपकी ले रहा था तो कोई आपस में बातें कर रहा था। इस बीच जोर से आवाज आई। मैं पीछे की तरफ खिड़की के पास ही बैठा था। मैंने बाहर देखा तो चौंक उठा। टायर के पास आग लग रही थी। इस पर मैं जोर से चिल्लाया… बस में आग लग गई। इसके बाद बस में अफरा-तफरी मच गई। सभी लोग बाहर निकलने की जल्दबाजी में गेट की तरफ लपके।
इसी दौरान बिजली के तार का दूसरा टुकड़ा गिरकर गेट से टकराया। ऐसे में गेट की तरफ करंट आना शुरू हो गया। जो भी गेट की तरफ बढ़ा उसे जोरदार झटके लगे और वह करंट की चपेट में आकर वहीं गिर गया। एक-एक करके कई लोगों की मौत हो गई।
कुछ ही सेकंड्स में बस में अफरातफरी मच गई। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं बस में सबसे पीछे बैठा था। सब आगे बढ़े और उन्हें करंट की चपेट में आता देख मैंने सबसे पीछे के कांच को तोड़ दिया और बाहर कूद अपनी जान बचाई। इसके बाद मैंने वहां से अपनी दो बहनों को बाहर निकाल लिया। तब तक बस में आग काफी फैल चुकी थी।
कंडक्टर ने बस के ऊपर खड़े होकर गलती से तार को हाथ में पकड़ लिया। ऐसे में वह वहीं पर चिपक गया और उसकी मौत हो गई। बस के गेट पर तार झूल रहा था। ऐसे में बाहर निकलने की आपाधापी में लोग उसके संपर्क में आते गए और करंट लगने से झुलसते रहे। मैं भाग्यशाली रहा कि पीछे से कांच तोड़ बाहर निकल अपनी जान बचा पाया।
ऐसे हुआ बस में हादसा
जालोर में शनिवार रात एक बस 11 हजार वोल्ट की हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गई और बस में आग लग गई। इससे 6 लोग जिंदा जल गए। 36 लोग झुलस गए। इनमें से ज्यादातर जालोर जिला अस्पताल में भर्ती हैं। कुछ लोगों की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें जोधपुर रैफर कर दिया गया। सभी लोग जैन समाज के हैं, जो नाकोड़ा तीर्थ से दर्शन करने के बाद अजमेर और ब्यावर लौट रहे थे। हादसा जालोर जिले से 7 किमी दूर महेशपुरा गांव में हुआ।
जैन श्रद्धालु 2 बसों में शुक्रवार की रात ब्यावर से रवाना हुए थे। सभी जालाेर जिले के जैन मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। दर्शनों के बाद लौटते समय रास्ता भटककर महेशपुरा गांव पहुंच गए। गांव की संकरी गलियों से गुजरते समय एक बस 11 केवी लाइन की चपेट में आ गई और करंट फैलने से बस में आग लग गई।