ड्रैगन को एक और झटका ! पुतिन की नयी योजना चीन की BRI महत्वाकांक्षाओं के लिए बड़ा सिरदर्द बनने वाला है
जिओ पॉलिटिक्स में रूस और चीन के बीच बढ़ती प्रतिद्वंदिता दिन प्रतिदिन रोचक होती जा रही है। अब रूस के Mediterranean क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ाने की जोर के कारण अब चीन के सामने के नई समस्या खड़ी हो गयी है तथा उसे BRI और नए सिल्क रूट में भी बाधा उत्पन्न होने जा रही है। दरअसल, रूस ने अप्रत्यक्ष रूप से BRI के एक बेहद महत्वपूर्ण सहयोगी ग्रीस में एक पोर्ट का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है। इस देश में चीन BRI के माध्यम से जिस पोर्ट में निवेश कर रहा है वह रूसी नियंत्रण में लिए गए Thessaloniki पोर्ट से मात्र 500 किलोमीटर दूर है।
बता दें कि Belterra Investments Ltd नामक कंपनी SAVVIDIS ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़े रूसी व्यवसायी Ivan Savvidis की है। यही कारण है कि यदि यह सौदा Belterra Investments Ltd के पक्ष में पूरा हो जाता है, तो पोर्ट के 80,3% वोटिंग शेयर Ivan Savvidis के पास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण में आ जायेगा। अब सवाल यह उठता है कि यह रूसी नियंत्रण में कैसे है?
अब अप्रत्यक्ष रूप से इस पोर्ट का नियंत्रण हासिल करने के बाद सभी को यह लग रहा है कि रूस ने NATO पर नजर रखने के लिए ऐसा किया है परन्तु यहाँ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक और गेम प्लान है और वह है चीनी BRI पर नजर और नियंत्रण।
बता दें कि ग्रीस के ही एक दुसरे पोर्ट Piraeus में चीन ने BRI के माध्यम से निवेश किया है। Piraeus एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में फैले बंदरगाहों, रेलवे, सड़कों और औद्योगिक पार्कों के विशाल नेटवर्क के लिए वितरण केंद्र के रूप में कार्य करता है।
अब ग्रीस में रूसी निवेश से फायदा क्या होगा? इससे ग्रीस पर से बीजिंग का प्रभाव धीरे-धीरे काफी हद तक कम हो जाएगा। साथ ही रूस को चीन के ऊपर एक रणनीतिक बढ़त भी मिल जाएगी। यही नहीं रूस ग्रीस की चीन पर से निर्भरता को भी कम करने के लिए कई कदम उठा सकता है। जो कि चीन के लिए किसी झटके से कम नहीं होगी।
यह पहली बार नहीं है जब रूस ने चीन को इस तरह का कोई झटका दिया है इससे पहले रूस चीन को सूडान में भी झटके दे चुका है। रूस के सूडान के साथ एक ऐसा समझौता करने की बातचीत चल रही है जो रूस को लाल सागर में सूडान के तट पर नौसैनिक लॉजिस्टिक्स बेस स्थापित करने की अनुमति देगा। इस समझौते के बाद सूडान की भगौलिक स्थिति देखते हुए रूस को चीन पर एक बेहद महत्वपूर्ण रणनीतिक बढ़त मिल जाएगी।
यानि रूस जैसे जैसे Mediterranean क्षेत्र में अपनी बढ़त बनाता जा रहा है चीन के ऊपर दबाव भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है अब देखना यह है कि चीन आगे क्या कदम उठता है।