आज ही कबाड़ में दे दीजिए पुरानी गाड़ियां, वरना घर आ जाएगी सरकारी बारात
दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोग नियमों की धज्जियां उड़ाते नज़र आते हैं। इसे देखते हुए अब राजधानी में परिवहन विभाग ने प्रदूषण फ़ैलाने वाले वाहनों के खिलाफ़ एक बड़े अभियान की शुरुआत की है। विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाले 15 साल पुराने करीब 2 लाख वाहनों को डी-रजिस्टर कर दिया है। इसके साथ ही, ऐसे वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने पर भी रोक लगा दी गई है।
इस अभियान के तहत 15 साल पुराने निजी और व्यावसायिक वाहनों को शामिल किया गया है। परिवहन विभाग ने ट्रैफिक पुलिस से भी ऐसे वाहनों को ज़ब्त करने की अपील की है।
परिवहन विभाग के मुताबिक अगर सोमवार से कोई भी वाहन बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के पकड़ा जाता है तो उसके 1000 रुपये का चालान काटा जाएगा। अगर इसके बाद भी कोई बगैर पीयूसी के पकड़ा गया तो 2000 रुपये का चालान होगा। बता दें कि दिल्ली में यूरो फोर मानक के वाहनों का साल में एक बार पीयूसी होता है।
अगर आपका वाहन 15 साल पुराना है तो परिवहन विभाग द्वारा उसे ज़ब्त करने का इंतजार न करें। आप खुद ही अपने वाहन को स्क्रैप करवा सकते हैं। विभाग की ओर से स्क्रैप पॉलिसी 24 अगस्त से ही अधिसूचित कर दी गई है। यदि आप चाहें तो अपने पुराने वाहन को किसी भी निजी स्क्रैपर के पास ले जाकर स्क्रैप करवा सकते हैं। स्क्रैप के बाद अपने वाहन की आरसी, चेसिस नंबर और स्क्रैपर की ओर से दिया गया प्रमाण पत्र लेकर इसकी सूजना एमएलओ ऑफिस में दें।
मालूम हो कि दिल्ली की सड़कों पर दोड़ रहे 15 साल पुराने वाहनों में 10 लाख कार, और लाखों की संख्या में दो पहिया वाहन शामिल है। दिल्ली में हर साल औसतन वाहनों की संख्या 7 लाख प्रति वर्ष के हिसाब से बढ़ रही है। जानकारों का मानना है कि अगर राजधानी से इन वाहनों को हटा दिया जाए तो दिल्ली में 38 लाख वाहन घट जाएंगे। फिलहाल दिल्ली में लगभग 1 करोड़ वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिसमें करीब 37 से 38 लाख वाहन 15 साल पुराने हैं।